*🏹रामचरित मानस के कुछ रोचक तथ्य🏹* 1:~लंका में राम जी = 111 दिन रहे। 2:~लंका में सीताजी = 435 दिन रहीं। 3:~मानस में श्लोक संख्या = 27 है। 4:~मानस में चोपाई संख्या = 4608 है। 5:~मानस में दोहा संख्या = 1074 है। 6:~मानस में सोरठा संख्या = 207 है। 7:~मानस में छन्द संख्या = 86 है। 8:~सुग्रीव में बल था = 10000 हाथियों का। 9:~सीता रानी बनीं = 33वर्ष की उम्र में। 10:~मानस रचना के समय तुलसीदास की उम्र = 77 वर्ष थी। 11:~पुष्पक विमान की चाल = 400 मील/घण्टा थी। 12:~रामादल व रावण दल का युद्ध = 87 दिन चला। 13:~राम रावण युद्ध = 32 दिन चला। 14:~सेतु निर्माण = 5 दिन में हुआ। 15:~नलनील के पिता = विश्वकर्मा जी हैं। 16:~त्रिजटा के पिता = विभीषण हैं। 17:~विश्वामित्र राम को ले गए =10 दिन के लिए। 18:~राम ने रावण को सबसे पहले मारा था = 6 वर्ष की उम्र में। 19:~रावण को जिन्दा किया = सुखेन बेद ने नाभि में अमृत रखकर। श्री राम के दादा परदादा का नाम क्या था? नहीं तो जानिये- 1 - ब्रह्मा जी से मरीचि हुए, 2 - मरीचि के पुत्र कश्यप हुए, 3 - कश्यप के पुत्र विवस्वान थे, 4 - विवस्वान के वैवस्वत मनु हुए.वैवस्वत मनु के...
*त्याग की कथा है“रामायण”* एक रात की बात हैं, माता कौशल्या जी को सोते में अपने महल की छत पर किसी के चलने की आहट सुनाई दी। नींद खुल गई, पूछा कौन हैं ? मालूम पड़ा श्रुतकीर्ति जी (सबसे छोटी बहु, शत्रुघ्न जी की पत्नी)हैं । माता कौशल्या जी ने उन्हें नीचे बुलाया |श्रुतकीर्ति जी आईं, चरणों में प्रणाम कर खड़ी रह गईं माता कौशल्या जी ने पूछा, श्रुति ! इतनी रात को अकेली छत पर क्या कर रही हो बेटी ? क्या नींद नहीं आ रही ? शत्रुघ्न कहाँ है ? श्रुतिकीर्ति की आँखें भर आईं, माँ की छाती से चिपटी, गोद में सिमट गईं, बोलीं, माँ उन्हें तो देखे हुए तेरह वर्ष हो गए । उफ ! कौशल्या जी का ह्रदय काँप कर झटपटा गया । तुरंत आवाज लगाई, सेवक दौड़े आए । आधी रात ही पालकी तैयार हुई, आज शत्रुघ्न जी की खोज में माँ चली । आपको मालूम है शत्रुघ्न जी कहाँ मिले ? अयोध्या जी के जिस दरवाजे के बाहर भरत जी नंदिग्राम में तपस्वी होकर रहते हैं, उसी दरवाजे के भीतर एक पत्थर की शिला हैं, उसी शिला पर, अपनी बाँह का तकिया बनाकर लेटे मिले !! माँ सिराहने बैठ गईं, बालों में हाथ फिराया तो शत्रुघ्न जी...
एक बार जंगल में गधे और बाघ के बीच बहस हो गई। गधे ने बाघ को बताया कि घास का रंग नीला होता है। लेकिन बाघ ने कहा कि नहीं घास हरी होती है। गधे ने बताया कि तुम गलत हो। घास का रंग नीला ही होता है। लेकिन दोनों ही अपनी बातों पर पड़े हुए थे। दोनों ने तय किया कि इस बात का फैसला हम जंगल के राजा शेर के पास जाकर करेंगे। दोनों ही शेर के पास पहुंच गए। गधे ने जोर से चिल्लाकर कहा कि महाराज आप ही बताइए कि घास का रंग नीला होता है या नहीं। यह बाघ है जो मान नहीं रहा। बार-बार घास का रंग हरा बता रहा है। महाराज अब आप ही न्याय करिए और इस बाघ को सजा सुनाइए। शेर ने बताया कि गधा बिल्कुल सही कह रहा है। इसी कारण इस बाघ को 1 साल की सजा मिलती है। यह सुनकर जंगल के सभी जानवर और बाघ हैरान रह गए। बाघ ने कहा कि महाराज घास का रंग हरा होता है। लेकिन आप मुझे 1 साल की सजा क्यों दे रहे हैं। शेर ने कहा घास का रंग तो हरा ही होता है। लेकिन तुम्हें सजा इसलिए मिल रही है क्योंकि तुम इस मूर्ख प्राणी से बहस कर रहे हो। तुम तो बहुत बहादुर, साहसी और समझदार प्राणी हो। यह तुम्हारी गलती है। तुमको इसके लिए 1 साल की सजा मिलती है। तुम्हें...
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