Modi
जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
ये पंक्तियां आज प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछ रही है कि विदेशों में वैक्सीन बांटने से पहले भारत माँ की संतानों का ख्याल क्यों नहीं आया?
जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं
वह हृदय नहीं है पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं
ये पंक्तियां आज प्रधानमंत्री मोदी से सवाल पूछ रही है कि विदेशों में वैक्सीन बांटने से पहले भारत माँ की संतानों का ख्याल क्यों नहीं आया?
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